FRESH BOOK TITLES IN THE SHOP

NEW ARRIVALS

Checkout Now!

Books

प्राग में नन्हें प्रग्गा का बड़ा पराक्रम !!

by नीतेश श्रीवास्तव - 13/03/2019

वेलडन कूल प्रग्गानंधा फायर आन द बोर्ड प्राग। चेक गणराज्य में 5 मार्च से शुरू हुए प्राग इंटरनेशनल शतरंज मास्टर्स टूर्नामेण्ट के साथ ही चैलेजर्स वर्ग की भी प्रतियोगिता हो रही हैं। इस प्रतियोगिता में विश्व के दस बेहतरीन ग्रांडमास्टर खेल रहे है। जिसमें वर्तमान महिला विश्व चैम्पियन जू वेन्जून (2580) और 1998 के विश्व कैडिडेट चैम्पियन व दिग्गज शतरंज खिलाड़ी अलेक्सी शिरोव (2668) खेल रहे है। वहीं इस प्रतियोगिता में विश्व के सबसे युवा ग्रांडमास्टर का खिताब अपने नाम करने वाले भारत के नन्हे सितारे आर प्रग्गानंधा (2530) भी शामिल हैं। चीन की जू वेन्जून और पोलैंड के अलेक्सी शिरोव के नाम का मैंने जिक्र इसलिए किया कि इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों को नन्हें सितारे आर प्रग्गानंधा ने अपने अचंभित करने वाले खेल से पांचवें और छठे राउण्ड में बेहतरीन शिकस्त देकर विश्व शतरंज जगत में अपना परचम लहराते हुए सनसनी फैला दी है और बता दिया है वह भी भविष्य में विश्व चैम्पियन बनने के सपने को अपने दिल में संजोय हुए है।पढे यह खास लेख 



क्या भविष्य के विश्व चैम्पियन नें वर्तमान की विश्व महिला चैम्पियन को पराजित किया है ? यह चर्चा जोरों पर है 

जब जु वेंजुन को प्रग्गा नें चौंकाया 

भारतीय नन्हे सितारे आर प्रग्गानंधा तो शुरुआत के चार राउण्ड के मैच में अपनी लय में नहीं दिखे और वे सिर्फ 1‐5 अंक अर्जित कर सके। इसमें उन्हें पहले ही राउण्ड में हार का सामना करना पड़ा। लेकिन पांचवे व छठे राउण्ड में उन्होंने इस प्रतियोगिता में सनसनी फैलाते हुए अपने खेल से बता दिया की उन्हें उन्हीं नहीं विश्व के सबसे युवा ग्रांडमास्टर का खिताब मिला है। पांचवे राउण्ड में उनका मुकाबला वर्तमान विश्व शतरंज चैम्पियन चीन की जू वेन्जून से हुआ। चार राउण्ड के मैच में अपने प्रदर्शन से खुश नहीं दिखे प्रग्गानंधा इस राउण्ड में सफेद माहरों से खेलते हुए अपनी मानसिक स्थिति को काफी मजबूत किए हुए थे। दोनों खिलाड़ियों के बीच पेट्रौफ डिफेंस में  मैच खेला गया। प्रग्गु इस गेम को काफी सतकर्ता के साथ खेल रहे थे वे क्वीन साइड की कैसलिंग करकर एक-एक कर अपने सभी मोहरों को सक्रिय करते हुए मैच को आगे ले जा रहे थे। मैच के 13वीं चाल में जू वेन्जून ने अपने दोहरे उंट का फायदा लेने के लिए एक चौंकाने वाली चाल अपने f6 खाने पर बैठे घोड़े को e4 खाने पर चल कर एक प्यादे को बलिदान करने की सोची। यहीं चाल उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई। इसके बाद प्रग्गानंधा ने एक परिपक्व खिलाड़ी बनने का परिचय देते हुए एक प्यादे की बढ़त हासिल कर ली और मैच में उनकी स्थिति बेहतर होती गई। मैच में 38वीं चाल में प्रग्गु ने d5 खाने पर बैठे हाथी को e5 खाने पर चल कर राजा को चेक दिया और इसके बाद हाथी की अदला बदली कर अपने डी और जी फाइल के प्यादे को सक्रिय कर अपनी बेहतरीन जीत सुनिश्चित करते हुए 57 चालों में विश्व विजेता वेन्जून को हार स्वीकार करने पर मजबूर कर दिया।

देखे फीडे इंस्ट्रक्टर निकलेश जैन का विडियो विश्लेषण चेसबेस इंडिया हिन्दी यूट्यूब चैनल के सौजन्य से और जुड़े इस चैनल से !

जब दिग्गज शिरोव को प्रग्गा नें हार मानने को किया मजबूर 

अलेक्सी शिरोव के खिलाफ जीत को हम प्रग्गु के खेल जीवन की सबसे बड़ी जीत भी कह सकते है 

पिछले चक्र की जीत के बाद आत्मविश्वास से भरे प्रग्गानंधा का छठे राउण्ड में विश्व कैडिडेट चैम्पियन और दिग्गज खिलाड़ी अलेक्सी शिरोव के साथ मैच हुआ। सफेद मोहरों से खेलते हुए प्रग्गानंधा ने गाइको पियानो ओपनिंग के मुख्य लाइन से मैच की शुरूआत की। प्रग्गु यह जानते थे की उनके सामने बेहद अनुभवी खिलाड़ी खेल रहे है। इसलिए वह भी अपने मोहरों के सहीं तालमेल से सेंटर पर पकड़ बनाते हुए आगे बढ़ रहे थे। मैच में उस समय बड़ा बदलाव हुआ जब प्रग्गु ने अपने घोड़े को e4 खाने पर चल कर बढ़त हासिल की। यही पर शिरोव ने प्यादे को f6 पर चल कर एक बड़ी गलती कर दी। प्रग्गु ने इस चाल को समझा और बोर्ड पर प्यादे की d4 एक बेहतरीन चाल चली और 15वीं चाल में प्यादे की बढ़त हासिल कर ली। और इसी बढ़त को ढाल बनाकर प्रग्गानंधा ने एक -एक चाल को बेहतरीन ढंग से चलते हुए 43वीं चाल में e7 खाने पर बैठे शिरोव के हाथी को अपने f5 वाले प्यादे से लेकर उसे e फाइल में पहुंचा दिया। और अंत तक मैच में बढ़त हासिल करते हुए 60वीं चाल में शिरोव से एक शानदार मैच खेलते हुए जीत दर्ज की।

देखे फीडे इंस्ट्रक्टर निकलेश जैन का विडियो विश्लेषण चेसबेस इंडिया हिन्दी यूट्यूब चैनल के सौजन्य से और जुड़े इस चैनल से !

 

कौन है अलेक्सी शिरोव ? 

1998 में स्पेन के अलेक्सी शिरोव नें विश्व कैंडीडेट स्पर्धा जीतकर कास्पारोव से विश्व चैंपियनशिप खेलने की पात्रता हासिल कर ली थी पर फीडे और कास्पारोव के बीच मतभेद के चलते यह प्रतियोगिता नहीं हो सकी । खैर वर्ष 2000 में भारत में हुई विश्व चैंपियनशिप जिसका फ़ाइनल तेहरान में खेला गया में वह रूस के अलेक्ज़ेंडर ग्रीसचुक को हराकर फ़ाइनल मे पहुँच गए जबकि इंग्लैंड के माइकल एडम्स को मात दे कर भारत के आनंद भी फ़ाइनल में थे ।

हालांकि दोनों के बीच फ़ाइनल में आनंद नें बाजी मारते हुए अपना पहला विश्व खिताब जीत लिया पर शिरोव का नाम हर शतरंज प्रेमी के लिए हमेशा से बड़ा हो गया ।  photo - The Hindu

भारतीय शतरंज खिलाड़ियों की सफलता को समर्पित यह कविता जरूर सुने 

 

 




Contact Us